भ्रष्टाचारी कुलपति के मामले को सदन में उठाएंगे पप्पू यादव
-मोतिहारी से राकेश और ज्ञानेश्वर की रपट-
छात्र और शिक्षक सत्याग्रह के बीच शैक्षणिक रूप से ठप पड़े महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के वीसी विवाद में सांसद पप्पू यादव भी कूद पड़े हैं। उन्होंने वीसी डॉ अरविन्द अग्रवाल को चेतावनी देते हुए कहा है कि बिहार विरोधी मानसिकता बदल लें और बिहारी शिक्षकों को तंग करना बंद करें, गलत तरीके से बर्खास्त दो शिक्षकों को वापस बुलाएँ, भ्रष्टाचार बंद करें नहीं तो बोरिया बिस्तर बाँधने के लिए तैयार रहें।
सांसद ने छात्रों और धरना पर बैठे शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि बिहार विरोधी मानसिकता से काम कर रहे कुलपति के मामले को वो संसद में उठाएंगे। उन्होंने दो शिक्षकों के गलत तरीके से हुए टर्मिनेशन को अवैध बताया। सांसद पप्पू यादव ने केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाक़ात कर इस मामले में उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। मंत्री ने भी वीसी के क्रियाकलापों पर असंतोष जाहिर किया।
महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय इनदिनों सुर्ख़ियों में है। पूरा विश्वविद्यालय परिसर राजनीति का अखाड़ा बन गया है। 28 सितम्बर से एक ही नारा सब जगह गूंज रहा है, वीसी वापस जाओ। छात्र सत्याग्रह पर हैं। शिक्षक भी असहयोग आन्दोलन कर रहे हैं। सारी परीक्षाएं ठप्प हैं। कई छात्र संगठन वीसी का पुतला जला चुके हैं। दो शिक्षकों की गलत बर्खास्तगी से उपजा आक्रोश हर दिन नया आकार ले रहा है। पप्पू यादव के बाद स्वामी अग्निवेश ने भी छात्र एवं शिक्षकों के समर्थन में मोतिहारी आने की बात कही है। पर इतने विरोध के बीच भी कुलपति डॉ अरविन्द अग्रवाल हठधर्मिता अपनाये हुए हैं। वह लगातार अपने रवैये से कैंपस में विस्फोटक स्थिति बना रहे हैं।
कुलपति के भ्रष्टाचार की भी हर रोज़ परत दर परत नयी कहानी सामने आ रही है। इस बीच पूरे मामले में पप्पू यादव ने नया मोड ला दिया है। कैंपस के मेन गेट के सामने आन्दोलन कर रहे छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुलपति शिक्षकों को डराते एवं उनका भयादोहन करते हैं। कुलपति शिक्षकों को कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट भी उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकता, ऐसे में पप्पू यादव ने चेतावनी दी कि जब वो सदन से सुप्रीम कोर्ट तक मामले को ले जायेंगे तब कुलपति को पता चलेगा कि सुप्रीम कोर्ट क्या होता है। पप्पू ने मोतिहारी के सांसद राधामोहन सिंह की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि ये ख़ामोशी क्यों है, इसे सब समझ रहे हैं। चंपारण विकास संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष राय सुंदरदेव शर्मा ने भी इस मौके पर कहा कि कुलपति बिहार विरोधी हैं, इन्हें विश्वविद्यालय में अच्छा शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए भेजा गया है कि राजनीति और भ्रष्टाचार के लिए।