अन्ना हजारे 23 मार्च को अनशन पर बैठे थे. 7 दिनों तक अनशन करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर उनका अनशन खत्म कराया. अन्ना ने केंद्र को इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए 6 महीने का समय दिया है. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है अन्ना दोबारा आंदोलन करेंगे. अन्ना हजारे का अनशन दिल्ली में भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन इस आंदोलन को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. अन्ना के साथ अनशन में शामिल कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि अन्ना जब अनशन कर रहे थे तब उनकी सारी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग भाजपा मुख्यालय में हो रही थी. इससे जुड़े कुछ फोटो भी मीडिया के सामने आए हैं.
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अनशन से जुड़ी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की फुटेज पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से भाजपा मुख्यालय भेजी जा रही थी. अन्ना के स्टेज के पास फोकस करके सीसीटीवी लगाए गए थे. इसके जरिये होने वाली रिकॉर्डिंग आउटपुट में बीजेपी ऑफिस का नाम दिखाई दे रहा था. अन्ना सत्याग्रह के कोर कमेटी सदस्य नवीन का कहना है कि रामलीला मैदान में बने पुलिस कंट्रोल रूम की सीसीटीवी फुटेज देखने पर उन्हें फुटेज के निचले हिस्से में बीजेपी ऑफिस पीटी लिखा हुआ दिखाई दिया था. जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो पुलिस ने इसे कि यह टेक्निकल प्रॉब्लम बताया था.
अन्ना का आंदोलन कवर करने मुंबई से दिल्ली आई पत्रकार सोनाली शिंदे का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में बीजेपी ऑफिस का नाम साफ दिखाई दे रहा था. जब पुलिस और सीसीटीवी मॉनिटरिंग कर रहे लोगों से पूछा गया तो उन्होंने इस बात को टाल दिया. हालांकि, अब तक इस बारे में बीजेपी के ओर से कोई सफाई नहीं दी गई है.