वर्ष 2018 शुरू होने के चौथे दिन ही भाजपा मिशन 2019 की तैयारियों में जोश के साथ जुट जाएगी। चार से छह जनवरी तक किशनगंज में विस्तारकों की पाठशाला लगने वाली है। ऐसी ही रणनीति की बदौलत भाजपा उत्तर प्रदेश, हिमाचल और गुजरात में फतह हासिल कर चुकी है। अब बिहार की बारी है। पार्टी फुलप्रूफ दांव लगाना चाहती है ताकि 2015 के विधानसभा चुनाव की करारी हार जैसी स्थिति न हो।
पार्टी ने रणनीति तैयार कर ली है। इन विस्तारकों को सुनियोजित तरीके से मैदान में उतारकर संगठन को मजबूत किया जायेगा। स्थानीय स्तर पर गुटबाजी के कील-कांटे निकाले जायेंगे। चुनाव में आरएसएस की पाठशाला से निकले पूर्णकालिक प्रचारक हमेशा से ही भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आये हैं लेकिन इस बार तैयारी कुछ अलग है। तीन दिनी प्रशिक्षण वर्ग के विस्तारकों को छह सत्रों में संगठन को विस्तार देने के गुर सिखाये जाने की योजना है। विस्तारकों को टास्क दिया जायेगा कि उनकी प्राथमिकता जगह में फैली गुटबाजी को दूर करना है। जब संगठन बढ़ेगा तो जनता के बीच पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ती जाएगी।
संघ की पृष्टभूमि से आने वाले इन विस्तारकों को किसी जगह में तीन वर्ष के लिए तैनात किया जायेगा। अभी से तमाम जगहों में तैनात होने वाले ये विस्तारक लोकसभा चुनाव तक उसी जगह में रहेंगे और संगठन मंत्रियों को अपने काम की हर महीने रिपोर्ट देंगे।