संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सेना को लेकर दिए गए बयान को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सभी विपक्षी पार्टियों ने संघ प्रमुख के बयान को सेना के मनोबल को हतोत्साहित करने वाला और शर्मनाक बयान करार दिया है। उधर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी संघ प्रमुख के इस बयान से किनारा कर लिया है।
शाह से जब सवाल किया गया कि उनका भागवत के बयान को लेकर क्या सोचना है, तब उन्होंने कहा, ‘मैंने इसको सिर्फ एसएमएस और सोशल मीडिया में ही देखा है, मुझे पूरी तरह से इस बात की जानकारी नहीं है कि भागवत जी ने क्या बोला। जब मुझे पूरी जानकारी मिलेगी तभी मैं इस पर टिप्पणी करूंगा।’ दरअसल मोहन भागवत ने जम्मू कश्मीर के सुंजवां में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले को लेकर कहा था कि सेना के लोग युद्ध की स्थिति में तैयार होने में छह से सात महीने का वक्त लगा सकते हैं लेकिन हमारे लोग यानी संघ के कार्यकर्ता दो से तीन दिन में ही तैयार हो जाएंगे। भागवत के इस बयान पर बीजेपी की राय जानने के लिए अमित शाह से सवाल किया गया था, लेकिन शाह ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी। बता दें कि त्रिपुरा में अमित शाह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, इसी दौरान एक संवाददाता ने उनसे यह सवाल किया था।
आरएसएस प्रमुख ने मुजफ्फरपुर में आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम में कहा कि संघ के लोग सेना की तरह ही अनुशासित होते हैं। संविधान और कानून अगर उन्हें इजाजत दे तो युद्ध की स्थिति में स्वयंसेवक सेना से भी पहले तैयार होकर मौके पर पहुंचने में सक्षम होंगे। साथ ही भागवत ने यह भी कहा कि अनुशासन ही संघ की पहचान है।