विरोधी दल के नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि रघुवर सरकार 1000 दिन के पूरे होने के बाद भी भूसे में सुई ढूंढ़ रही है। यह सिर्फ प्रचार- प्रसार की सरकार है। रघुवर सरकार के 1000 दिन की उपलब्धियां बेबुनियाद और खोखली हैं, ये जनता को दिगभ्रमित करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उपलब्धियों के नाम पर घालमेल कर रही है। जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से सरकार जश्न मना रही है, अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है।
श्री सोरेन आरोप लगाया कि सरकार कई विभागों के पैसे को डाइवर्ट कर प्रचार प्रसार में खर्च कर रही है। कहा कि उनकी सरकार के दौरान ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में राज्य तीसरे स्थान पर था जबकि आज सांतवे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि श्रम कानून के माध्यम से सरकार उद्योग घरानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।
हेमंत सोरेन ने सरकार के 1000 दिन पूरा होने पर जनता की तरफ से राज्य सरकार से 32 सवाल किये। उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से सवाल किया कि सीएनटी एसपटी एक्ट में संसोधन कर राज्य को आंदोलन पर मजबूर करने के बाद इसे वापस लेने के बाद उन्होंने राज्य की जनता से माफी क्यों नहीं मांगी। मुख्यमंत्री उन उद्योगपतियों का नाम बतायें जिनके दबाव में सरकार ने यह बिल विधान सभी से पारित किया। धर्मांतरण बिल लाना क्या आरएसएस के एजेंडे को राज्य में लागू करना मूल मकसद था। राज्य में बढ़ रहे अपाराधिक घटनाओं का जिम्मेवार कौन है। राज्य में किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। श्री सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता के साथ जल, जंगल, जमीन के लिए पूरा विपक्ष एकजुटहोकर आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी धन का राज्य सरकार गलत इस्तेमाल कर जनता के बीच भ्रम का माहौल बना रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में 85.30 प्रतिशत राजस्व मिले थे, 2015-16 में यह आंकड़ा75.61 प्रतिशत हो गया। वर्ष 2016-17 में राजस्व 71.35 प्रतिशत और वर्तमान वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 16 प्रतिशत ही राजस्व सरकारी खाते में जमा हुआ है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा है कि स्थायित्व की बात करने वाली रघुवर सरकार का मन्त्रीमंडल अभी भी पूरा नहीं हुआ है भ्रष्टाचार की बात करने वाली सरकार ने खरीद- फरोख्त कर दूसरी पार्टी के विधायकों के बल पर बहुमत हासिल की है। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है और एसीबी लगातार भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार कर रही है। सरकार संवैधानिक संस्थाओं के नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार पारदर्शी शासन की बात कर रही है वहीं दूसरी तरफ एडीजी अनुराग गुप्ता और मुख्यमंत्री के सलाहकार पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार से सवाल किया कि धर्मांतरण बिल लाने से पहले राज्य में कितने एफआईआर जबरन धर्मांतरण के दर्ज हुए हैं। प्रमाण पत्र मामले पर उन्होंने कहा कि राज्य के छात्रों को प्रमाण पत्र सही समय पर नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आरजेडी नेता गौतम सागर राणा ने सरकार से पूछा है कि अभी तक पूर्नवास नीति नहीं बनी है, विधि आयोग की भी संरचना अभी तक राज्य सरकार ने तय नहीं की है। राज्य सरकार गैरमजरुआ और आदिवासियों की जमीन को लैंड बैंक बना कर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।
जेवीएम प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि राज्य के 3700 स्कूलों में मात्र 328 स्कूलों में ही प्रधानाध्यापक हैं। क्या सरकार का इस ओर ध्यान है कि राज्य बच्चों का भविष्य क्या होगा। रघुवर सरकार ने खुद शराब बेचने का फैसला किया है लेकिन अभी लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं। वहीं पिछले महीने के इस क्षेत्र के राजस्व वसूली पर नजर डालें तो पहले जहां हर महीने लगभग 82 करोड़ रूपये की आय होती थी वहीं अब यह मात्र 27 करोड़ रह गयी है।