मिशन 2019 को लेकर पूरी शिद्दत से जुटे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी अपने सांसदों की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। कहा जा रहा है कि इस लोकसभा चुनाव में करीब 50 फीसदी सांसदों का टिकट कटना तय है। बता दें कि खुद पीएम ने कई बार सांसदों से कहा है कि वे कम-से-कम सोशल मीडिया पर उनके एप्प से तो जुड़ें उनकी बातों को तो लोगों तक पहुंचाएं लेकिन उनकी लाख कोशिशों के बावजूद कई सांसदों इस पर अमल करना तो दूर की बात है, सोशल मीडिया पर अपना अकांउट तक नहीं खुलवाया है।
बता दें कि सासदों के साथ मीटिंग में भी कई बार उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे केंद्रीय योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने को कहा वहीं अपने-अपने क्षेत्र में उसे बहतर तरीके से लागू कैसे हो इस पर भी कार्य करने को कहा लेकिन ऐसे सांसदों को संख्या आधे से अधिक है जिन्होंने इस पर किसी भी तरह की कोई पहल नहीं की है।
इसलिए कहा जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व अपने वर्तमान लोकसभा सांसदों में से लगभग 50 प्रतिशत का टिकट काट सकती है। पार्टी इस बारे में कोई फैसला सांसदों की अपने क्षेत्र और सदन में परफॉर्मेंस तथा सोशल मीडिया पर उनकी उपस्थिति के आधार पर लेगी। जानकारी के अनुसार एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सांसदों के प्रदर्शन का आकलन कर रहे हैं। वे सबसे खुश नहीं हैं। परफॉर्मेंस के आधार पर उम्मीदवारों का चुनाव होगा।
पूर्वी भारत में बीजेपी की चुनावी रणनीति में अहम भूमिका निभाने वाले इस नेता ने बताया कि पीएम ने हाल ही में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ सांसदों से मुलाकात की थी। वहां उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि जिन्होंने परफॉर्म नहीं किया, वे अगली बार टिकट की आस न लगाएं। पार्टी ने 2019 के चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की योग्यताएं तय कर दी हैं।
बीजेपी नेताओं के अनुसार, वरीयता उन सांसदों को दी जाएगी जिन्होंने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया हो, केंद्रीय प्रोजेक्ट्स को अपने लोकसभा क्षेत्र में बेहतर ढंग से लागू कराया हो और सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव रहे हों। सोशल मीडिया में दक्ष होने का मतलब इन प्लेटफॉर्म पर कई लाख फॉलोअर्स होने से है। एक नेता ने कहा, ”सोशल मीडिया पर जिनकी बड़ी फॉलोइंग है, वे जरूर अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं।”