भाजपा नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, मेयर, डिप्टी मेयर, जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष और 20 सूत्री के उपाध्यक्ष को कड़ा टारगेट दिया है. कुल मिलाकर 28 फरवरी तक 30 करोड़ रुपए पार्टी फंड में जमा कराने हैं.
पिछले साल तीन करोड़ का लक्ष्य था, इस बार लक्ष्य 10 गुना बढ़ा दिया गया है, इतने बड़े लक्ष्य की वजह से भाजपा के कई नेताओं ने स्टेट लीडरशिप के इस कदम को अव्यवहारिक बताया है. भाजपा नेताओं का तर्क है कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से व्यवसाय करने वाले नाराज हैं, और इतनी जल्दी इतनी बड़ी रकम को जुटाना मुश्किल है. हालांकि प्रदेश नेतृत्व का तर्क है की कई जगहों पर पार्टी का कार्यालय बनाया जा रहा है, तीव्र विस्तार के क्रम में फंड की जरूरत है और जनता के सहयोग से ही यह फंड जुटाना है.