झारखंड में राज्यसभा चुनाव के लिए जोर-शोर से वोटिंग जारी है। बीजेपी, झामुमो और कांग्रेस के विधायक बारी-बारी से आकर वोटिंग कर रहे हैं। इन सब के बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्तापक्ष की ओर से वोटिंग कराने का काम राधा कृष्ण किशोर देख रहे हैं। उनके पास सभी विधायकों के लिस्ट हैं, इसके साथ ही उन्होंने ये भी तय कर रखा है कि किस विधायक को कैसे वोट देना है। पूरी लिस्ट को तीन भागों में बांटा गया है। पहले उन विधायकों का नाम हैं, जो समीर उरांव के लिए वोट करेंगे और दूसरे में उन विधायकों का नाम हैं, जो प्रदीप संथालिया के लिए वोट करेंगे। जबकि तीसरे में उन विधायकों का नाम हैं जो द्वितीय वरीयता के लिए वोट करेंगे। वहीं कहा जा रहा है कि 78 विधायक ही वोट करेंगे। इसलिए अगर 78 विधायक वोट करते हैं तो एक सांसद को जीतने के लिए 26 वोट की जरूरत पड़ेगी, इससे पहले जीत के लिए 27 वोट की जरूरत थी। इसके साथ ही द्वितीय वरीयता का वैल्यू भी कम हो जायेगा।
उधर, विपक्षी दलों की बात करें तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार भी कमान संभाले हुए हैं और देख रहे हैं कि कौन-कौन विधायक किस प्रकार वोटिंग कर रहे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि झामुमो कैंप में उतनी गहमागहमी नहीं है, बता दें कि झामुमो के विधायक अमित महतो ने सबसे पहले 9:00 बजे ही वोट डाल दिया था।
देखा जाय तो पिछली बार राज्यसभा चुनाव का तख्तापलट कर देने वाले कांग्रेस के बागी विधायक बिट्टू सिंह को इस बार कांग्रेस ने पलटी मारने नहीं दिया। कांग्रेस के सीनियर विधायक आलमगीर आलम, बिट्टू सिंह को अपने साथ वोटिंग करने के लिए लेकर आये। उनके साथ इरफान अंसारी, बादल पत्रलेख, सुखदेव भगत के साथ तमाम कांग्रेसी विधायक थे। कांग्रेस के सातों विधायकों ने वोटिंग कर लिया और निर्मला देवी भी वोट डालने पहुंची हैं। वहीं करीब 10:40 पर हेमंत सोरेन अपने दल बल के साथ वोट करने के लिए पहुंचे और उनके साथ जीतन मरांडी, नलिन सोरेन, कुणाल षाड़ंगी पौलुस सुरीन, चमरा लिंडा और रविंद्र महतो शामिल थे। बताते चलें कि पिछले चुनाव में चमरा लिंडा की वजह से चुनावी नतीजा बदल गया था।
निरसा विधायक अरूप चटर्जी और राजधनवार के विधायक राजकुमार यादव ने भी वोटिंग किया। हालांकि इसके लिए उन्होंने हेमंत सोरेन से पहले आश्वासन लिया।