कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय झारखंड विकास मोर्चा पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं. क्या वह अपने पहले राजनीतिक संगठन, जिससे वह सांसद चुने गए थे, उसका प्यार भूल नहीं पा रहे. जानकार तो ऐसा ही दावा करते हैं. डॉक्टर अजय ने आज यह बयान दिया है कि उन्हें मासस विधायक अरूप चटर्जी पर नहीं बल्कि झाविमो विधायक प्रदीप यादव पर भरोसा है.
अब इस भरोसे की वजह क्या है, वह तो डॉ अजय ही बता सकते हैं लेकिन उनका बयान राजनीतिक दुराग्रह को दर्शाता है. उनके बयान से ऐसा लगता है कि कांग्रेस को झारखंड में छोटे दलों की जरूरत नहीं है. मासस के कई वरिष्ठ नेताओं ने डॉक्टर अजय कुमार के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि जब अरूप चटर्जी ने एजेंट की व्यवस्था करने के लिए फॉर्म भरा था और उसे कांग्रेस को दिया था तो डॉक्टर अजय ने उस फॉर्म को क्यों नहीं जमा किया! क्या डॉक्टर अजय कुमार कोई सियासी खिचड़ी पका रहे थे! आज जब मासस के नेता चुनाव आयोग की दहलीज पर पहुंचे हुए हैं तो कांग्रेस को भी यह दबाव बनाने की कोशिश करनी चाहिए कि अरूप चटर्जी के मतों को सार्वजनिक किया जा सके, लेकिन यह करने की बजाय कांग्रेस एक तरफा बयान जारी कर रही है, जो राजनीतिक मर्यादा के भी खिलाफ है और किसी व्यक्ति या दल का चरित्र हनन भी.