राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को लेकर भले ही विपक्ष हमलावर है। पिछले कई दिनों से सदन का कामकाज ठप है। भले ही उनपर सरकार के मंत्री की सवाल उठा रहे हों, चारा घोटाले के मामले में सीबीआई की नोटिस का जवाब नहीं देने से लेकर अपने बेटे को लाभ पहुंचाने और फिर आधार कार्ड पर किए फैसले पर फजीहत हुई हो। लेकिन जानकारी के मुताबिक फरवरी में रिटायर होने के बाद भी सीएस का प्रभाव राज्य के फैसलों पर दिखेगा। सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार बनाने का निर्णय लिया है, और उनकी सारी सुविधाएं, वेतनमान सभी वर्तमान की तरह ही आगे भी जारी रहेंगी।
सूत्रों की मानें तो यह कहा जा रहा है कि जो लोग ये सोच रहे हैं कि कम-से-कम फरवरी के बाद मुख्य सचिव राजबाला वर्मा से राज्य को निजात मिलेगी, उनके लिए ये खबर हताश करने वाली है। मुख्य सलाहकार की भूमिका में वो मुख्यमंत्री के सारे निर्णयों के साथ ही साथ सरकार के हर विभाग पर निगरानी रखने के लिए भी स्वतंत्र होंगी। कहा जा रहा है कि वे अन्य सभी मंत्रियों के विभाग पर भी नजर रखेंगी।