बहुचर्चित चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में राजद प्रमुख लालू यादव की याचिका पर सीबीआई की विशेष कोर्ट ने एजी कार्यालय के तीन अधिकारियों को आरोपी बनाने का आदेश दिया है। सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह की कोर्ट ने लालू यादव की याचिका पर एकीकृत बिहार के तत्कालीन एजी पीके मुखोपाध्याय, उप महालेखाकार बीएन झा और सीनियर डायरेक्टर जनरल प्रमोद कुमार को भी आरोपी बनाये जाने का आदेश दिया है। अदालत ने सीबीआई को इस मामले में आगामी 16 अप्रैल तक संबंधित प्राधिकार से अभियोजन स्वीकृति का आदेश प्राप्त करने को कहा है।
गौरतलब है कि लालू यादव के अधिवक्ता की ओर से दायर याचिका में एकीकृत बिहार के महालेखाकार रहे पीके मुखोपाध्याय, उप महालेखाकार बीएन झा और सीनियर डायरेक्टर जनरल प्रमोद कुमार को भी आरोपी बनाने के लिए सीआरपीसी की धारा 319 के तहत नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया था। लालू यादव के अधिवक्ता की ओर से अदालत में यह तर्क दिया गया था कि तत्कालीन अपर वित्त सचिव शंकर प्रसाद जांच के लिए रांची आये थे, उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि खर्च का ब्यौरा एजी को भेजा रहा है, लेकिन देवघर के जिला पशुपालन पदाधिकारी मासिक खर्च की रिपोर्ट निर्देशालय को नहीं भेज रहे है। लालू के वकील ने बताया कि एजी ने एक बार भी बिल की जांच नहीं की, अगर जांच की होती, तो फर्जी निकासी का मामला पकड़ा जाता। एजी ने वित्तीय वर्ष 1991-96 की अवधि में जो रिपोर्ट पेश की, उसमें बजट के मुकाबले अधिक व्यय की बात कही, लेकिन एजी ने कभी फर्जी निकासी की बात नहीं कही। सभी रिपोर्ट तत्कालीन एजी पीके मुखोपाध्याय, उप महालेखाकार बीएन झा और सीनियर डायरेक्टर जनरल प्रमोद कुमार के हस्ताक्षर से जारी की गयी थी, इसलिए इन अधिकारियों को भी अभियुक्त बनाने की मांग की गयी थी।