सिंडिकेट और सीनेट सदस्यों का 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को झारखंड की महामहिम राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू को 11 सूत्री ज्ञापन सौपा
सदस्य एडवर्ड सोरेन ने के.ओ. कालेज गुमला के 3 एकड़ जमीन पर चर्च/मिशनरियों के अवैध कब्जे से सम्बंधित प्रश्न उठाया और अविलंब खाली कराने का आग्रह किया। साथ ही बी एन जालान कालेज सिसई, खूंटी कालेज , लोहरदगा कालेज के जमीन पर भी कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। आर एल एस वाई कालेज एवं एस एस मेमोरियल कालेज के जमीन को खरीदने सम्बंधित आग्रह किया।
राज्यपाल ने कहा की वे स्वयं गुमला जाएंगी और कालेज का निरीक्षण करेंगी, अवैध कब्जा होने पर तुरंत खाली कराया जाएगा। अन्य जगहों पर भी उचित जांच की जाएगी।
सिंडिकेट सदस्य अटल पाण्डेय ने कहा की गढ़वा कृषि महाविद्यालय के भवन निर्माण होने के बावजूद अबतक पढ़ाई प्रारंभ नहीं होने से छात्रों को रांची में पढ़ाई करनी पड़ रही है।
इस पर महामहिम ने जल्द भवन का कार्य पूर्ण कर उक्त कृषि महाविद्यालय में पढ़ाई प्रारंभ कराने का आश्वासन दिया।
श्री अटल ने रांची वि.वि. के ज्योर्तिविज्ञान विभाग को स्वतंत्र विभाग बनाकर उसमें सार्ट टर्म कोर्ष प्रारंभ कराने का आग्रह किया ।
इसपर महामहिम ने उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
विनोवा भावे वि.वि. के कुलपति के विषय पर श्री अटल ने कहा की डा. रमेश शरण से सम्बंधित याचिका माननीय उच्च न्यायालय ने नवम्बर 2016 को यह कहते हुए रद्द कर दिया था की एक व्यक्ति दो तरह के प्रमोशन का हकदार नहीं हो सकता। इसके बावजूद रांची विश्वविद्यालय एवं जेपीएससी ने राजभवन द्वारा स्वीकृत पैनल की अनदेखी करते हुए अनुचित तरीके से डा. रमेश शरण को कुलपति बनाने के लिए प्रमोशन कराया। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
महामहिम ने जल्द जांच कराने का आश्वासन दिया ।
शशांक राज ने सीनेट एवं सिंडिकेट सदस्यों के उचित सम्मान एवं उन्हें विश्वविद्यालय की विभिन्न कमिटियों में शीघ्र शामिल कराने का आग्रह किया। साथ ही सीनेट एवं सिंडिकेट की बैठकों में वर्षों से उच्च शिक्षा सचिव एवं निदेशक के शामिल नहीं होने पर उन्हें अपेक्षित सूची से हटाने या बैठकों में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने का आग्रह किया।
इस पर महामहिम ने शिघ्र कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया।
डा. महाराज सिंह ने शिक्षकों की नियुक्ति एवं प्रमोशन से सम्बंधित शिकायत करते हुए कहा की विश्वविद्यालय के पदाधिकारी जानबूझकर फाइल दबा देतें हैं और जेपीएससी के बार-बार मांगने के बावजूद नहीं देते। इस विषय मे महामहिम से हस्तक्षेप का आग्रह किया।
अर्जुन राम ने तृतीय-चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की नियुक्ति, एवं संविदा कर्मियों की स्थायी नियुक्ति जल्द कराने का आग्रह किया। उन्होंने आनलाईन नामांकन/चांसलर पोर्टल पर भी सवाल करते हुए कहा की जब विश्वविद्यालय नामांकन आदि कार्य करने में स्वयं सक्षम है तो निजी कम्पनी को प्रति छात्र कमिशन क्यों दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालयों में नेटवर्क की उचित व्यवस्था और कर्मचारी नहीं होने से इस प्रक्रिया से नामांकन में भी कमी आई है। कृपया इसे समाप्त कर विश्वविद्यालय में स्वयं का पोर्टल विकसित कराया जाय।
फूलचन्द तीर्की ने विश्वविद्यालय को प्रदत नियम परिनियम की लगातार अनदेखी का आरोप विश्वविद्यालय एवं सरकार पर लगाते हुए कहा की अगर ऐसा ही चलता रहा तो विश्वविद्यालय का अस्तित्व नहीं बचेगा। भवन निर्माण, कर्मचारियों की नियुक्ति, नामांकन, प्रमोशन आदी कार्य जो विश्वविद्यालय में निहित है उसे सरकार को सौंपा जा रहा है जो विश्वविद्यालय की स्वायत्तता से सीधा खिलवाड़ है । इस पर जांच करते हुए तुरंत रोक लगाई जाए एवं स्थानीय लोगों को नियुक्ति एवं कामों में लगाने का आग्रह किया।