मकर संक्रांति पर गुरुवार को हजारों शिव भक्तों ने बाबा बासुकिनाथ धाम में पूजा-अर्चना कर सुख-शांति की कामना की. स्नान दान के इस महापर्व पर शिव भक्तों के द्वारा पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाकर अर्धा के माध्यम से बाबा भोलेनाथ को जल के साथ तिल एवं तील से निर्मित सामग्रियां अर्पित की . मंदिर प्रशासन की ओर से मकर संक्रांति के अवसर पर भोलेनाथ को दही चूड़ा एवं तिल से बने लड्डू का भोग लगाया गया और इसके साथ ही लोगों ने मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया. बाबा मंदिर के प्रधान पुजारी बाबा सदाशिव पंडा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन भगवान् सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण हो जाते हैं और इसके बाद शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. बाबा ने बताया कि वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार स्थानीय श्रद्धालुओं बाबा बासुकिनाथ धाम स्थित फौजदारी बाबा को दही, चूड़ा एवं तिल अर्पित कर मकर संक्रांति पर्व मनाते हैं. इस अवसर पर अन्य राज्यों से बाबा नगरी बासुकिनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बाबा के स्पर्श पूजा नहीं कर पाने का मलाल तो है, लेकिन फिर भी खुशी की बात है कि भोलेनाथ की नगरी में आकर मकर संक्रांति पर्व मनाया. श्रद्धालुओं ने पूरे विश्व से कोरोना महामारी समाप्त करने की भोलेनाथ से कामना की. बाबा नगरी बासुकिनाथ के निवासी सह समाजसेवी दिनेश पंडा उर्फ बालाजी बताते हैं कि बाबा भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है. पूरी दुनिया में यहां के बाबा को सुप्रीम कोर्ट के नाम से जाना जाता है. जो भी भक्त सच्चे हृदय से बाबा की पुकार करते हैं. उनकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है.