-काफी समय बाद मोदी ने दिया मिलने का वक्त, दिल्ली में हुई मलाकात
-18 विधायक दिल्ली में, नेतृत्व परिवर्तन की अफाह तेज
-लिट्टीपाडा उप चुनाव की हार ने बढाई रघुवर की परेशानी
क्या पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडाका राजनीतिक वनवास जल्द खत्म होने वाला है. कम से कम भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के रुख में आये बदलाव को देखकर तो ऐसा ही लग रहा है. कई साल से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अर्जुन मुंडा को मुलाकात का वक़्त नहीं दे रहे थे. सोमवार को मोदी मुंडा से मिले. तकरीबन आधे घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. जाहिर है इस मुलाकात ने रघुवर की पेशानी पर बल ला दिए हैं. आने वाले दिनों में हो सकता है झारखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन हो तथा एकाकीपन झेल रहे अर्जुन मुंडा का वनवास खत्म हो जाये. लिट्टीपाड़ा की हार के बाद मोदी का मुंडा से मिलकर झारखण्ड की सियासत पर बात करना ऐसे भी बहुत कुछ कह जाता है.
दिल्ली में कई सियासी घटनाक्रम एक साथ हुए. बताया जा रहा है कि दो दिनों से लगभग 18-20 विधायक दिल्ली में जुटे थे. इन नाराज विधायकों ने अलग अलग फ्रंट पर भाजपा के केन्द्रीय नेताओं से मिलकर रघुवर की कार्यशैली को लेकर विरोध जताया. नाराज विधायकों की शिकायत थी कि मुख्यमंत्री उनसे मिलते नहीं हैं तथा अधिकारी उनकी सुनते नहीं हैं. लिट्टीपाड़ा की हार के बाद विधायकों को लगने लगा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगली बार वो अपनी सीट भी नहीं बचा पायेंगे. ऐसे में दबी जुबान से ही सही नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा भी उठ ही गया.
6 अप्रैल को साहेबगंज में प्रधानमंत्री मोदी रघुवर दास के अनुरोध पर आये थे. राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि लिट्टीपाड़ा सीट को जितने का भरोसा भी केंद्र को दिया गया था. पर मुख्यमंत्री के खुद मोर्चा सम्भालने के बाद भी हार ही मिली रघुवर सरकार के इन ढाई सालों में चार उपचुनाव हुए, जिसमें तीन सीट पर भाजपा हारी. यह आंकड़ा भी बहुत कुछ कह जाता है. ऐसे में आनेवाले दिनों में अगर झारखण्ड की राजनीति कोई नया करवट लेती है तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. राजनीतिगुरु की नजर हमेशा बदलते सियासत पर रहती है, आगे भी हम आपको अपडेट करते रहेंगे.