भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थलीय खूंटी की जनता इसबार के विधानसभा चुनाव में कुछ अलग करने के मुड में नजर आ रही है.शहर के बाजारटांड चौक पर लोग सुबह की चाय की चुस्कियां ले रहे हैं लेकिन चाय की प्याली से निकलने वाली भाप में सियासत का तापमान भी घुल रहा है. सभी खूंटी से कौन होगा विधायक, इसबार चर्चा में खासे मशगूल हैं. ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ झामुमो से शुशील पाहन,झाविमो से दयामनी बारला, और निर्दलीय मसिह्चरण मुंडा मैदान में ताल ठोक रहे हैं. ऐसे में सभी लोग कयासों की सियासत कर रहे हैं कि कौन सा जातीय समूह किनके साथ जाएगा. कोई कहता है कि मिशनरी और मुंडा का वोट दयामनी बरला के साथ जायेगा कोई डपट देता है कि अधिक मुंडा और सरना,सदान वोटर नीलकंठ मुंडा का साथ देंगे. कोई नीलकंठ मुंडा की बात कर रहा है तो कोई दयामनी बारला की ईमानदारी के किस्से गा रहा है.
ऐसे में पूरे खूंटी विधानसभा क्षेत्र की जुबान पर एक ही सवाल है कि क्या नीलकंठ सिंह मुंडा सियासी चक्रव्यूह में घिर रहे हैं ! सबकी जुबान पर अभी यही सवाल है. रघुवर सरकार में मंत्री रहे नीलकंठ सिंह मुंडा इसबार कौन सी रणनीति पर काम करेंगे.खूंटी में मसीहचरण पूर्ति भी कुछ कम नहीं है.वे भी गांव –गांव में अपनी पकड़ मजबूत करने का काम किया है.