प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नये कृषि कानूनों पर स्टे लगाने का फैसला किया है. लेकिन पार्टी इससे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. कांग्रेस पार्टी चाहती है पहले इन तीनों कानूनों को पूरी तरह से निरस्त किया जाए और फिर सभी से विचार-विमर्श कर नए कानून बनाने पर सहमति बनाई जाए। डॉ.उरांव बुधवार को रॉक गार्डन में पार्टी द्वारा मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित वन भोज कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश के एक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उन्होंने देखा है कि कई कानून बने और कई कानून खत्म भी किए गये। उन्होंने कहा कि यदि कोई यह कहता है कि सरकार द्वारा बनाया गया कानून उसके हित में नहीं है तो सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और तत्काल इसे निरस्त करना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए 3 नए कानूनों पर स्टे लगाने के साथ ही एक समिति भी गठित की गई है लेकिन इस समिति में शामिल चार लोग केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून के पक्षधर माने जाते हैं ऐसी स्थिति में संदेह उत्पन्न होना स्वाभाविक है कि वे किसानों के हित में बात रखेंगे या सरकार का समर्थन करेंगे इसलिए कांग्रेस पार्टी यह चाहती है कि तत्काल इन कानूनों को निरस्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून के प्रति लोगों का यह कहना है कि मौजूदा मंदी व्यवस्था में कई खामियां है इस पर वे यह कहना चाहेंगे कि यदि किसी व्यक्ति के पेट में दर्द होता है तो पेट को ही काटकर ही ना फेंक दिया जाता है,बल्कि पेट दर्द का समुचित उपचार किया जाता है उसी तरह यदि केंद्र सरकार को यह लगता है कि मौजूदा मंदी व्यवस्था में कुछ खामियां है तो उसमें सुधार करने की आवश्यकता है ऐसा नहीं होना चाहिए कि इस व्यवस्था को ही खत्म कर दिया जाए।