रांची झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने करीब 22 सौ करोड़ की लागत से पूरी हुई 42 साल पुरानी कोनार नहर परियोजना का उद्घाटन किया. लेकिन कुछ ही घंटों में उस परियोजना का एक हिस्सा टूटकर नदी में बह गया। कोनार नहर परियोजना से बगोदर कुसमरजा पंचायत के घोसको मौजा समेत पचासी गाँव में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। लेकिन इस नहर का मेढ़ बुधवार देर रात बह गया। नहर बह जाने से खेतों में लगी फसल भी बर्बाद हो गई। उद्घाटन के कुछ ही घंटों में कोनार नहर के टूट जाने से बगोदर के कुसमरजा पंचायत के घोसको मौजा के खेतों में लगी धान मक्का और मरवा की फसल बर्बाद हो गई बताया गया है कि उद्घाटन के बाद कोनार डैम से 800 क्यूसेक और कैनाल से 60 किलोमीटर तक पानी छोड़ा गया था अधिकारियों का कहना है कि अभी भी योजना में काम चल रहा है जो 2021 तक पूरा हो पाएगा कार्य पूरा नहीं होने के पहले ही नहर में पानी छोड़ दिए जाने के कारण बगोदर के घोसको में मेढ़ टूट गया और नहर का पानी खेतों में घुस गया।
नहर टूटने के बाद परियोजना के निर्माण में बरती गई अनियमितता उजागर हो गई है। बताया जा रहा है कि 42 सालों से चल रही कोनार सिंचाई परियोजना से 3 जिलों के 85 गांवों को फायदा पहुंचना है। करीब 2176.25 करोड़ की इस परियोजना से 411 किलोमीटर तक खेतों में पानी पहुंचाया जाना है और 6289 हेक्टेयर भूमि में पटवन होना है। नहर टूटने से खेतों में पानी भर जाने के कारण लाखों की फसल का नुकसान हुआ है विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि जल्दबाजी में उद्घाटन होने के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ उन्होंने सरकार से किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की।